एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस: कैमरे के पीछे के रिकॉर्डरों को सलाम
59वां एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस आने वाला है। इस मौके पर हम उन पत्रकारों को सलाम करते हैं, जो समाचार कार्यक्रमों की अग्रिम पंक्ति पर समाचार प्रसारित और सच्चाई का खुलासा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साल 1963 में 24 से 30 अप्रैल तक 47 एशियाई और अफ्रीकी देशों और क्षेत्रों के पत्रकारों ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्मेलन आयोजित किया। इसमें जकार्ता घोषणा पत्र और एशियाई-अफ्रीकी पत्रकार संघ की नियमावली को पारित किया गया। इसी साल 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक, एशियाई-अफ्रीकी पत्रकार संघ के सचिवालय ने इंडोनेशिया के बोगोर में दूसरा पूर्णाधिवेशन आयोजित किया। इसमें 24 अप्रैल, यानी पहले एशियाई-अफ्रीकी पत्रकार सम्मेलन के उद्घाटन की तिथि को एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस के रूप में नामित किया गया। इस संघ के 53 सदस्य हैं। सचिवालय मूल रूप से जकार्ता में स्थित था और जनवरी 1966 में पेइचिंग में स्थानांतरित कर दिया गया।
एशिया-अफ्रीका पत्रकार दिवस की स्थापना का लक्ष्य है उनके बीच, विभिन्न देशों के लोगों व सरकारों के बीच निकटतम सहयोग का निर्माण करने, उनकी एकता को मजबूत करने, राष्ट्रीय स्वतंत्रता हासिल करने, सभी रूपों के उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद का विरोध करने के लिए संघर्ष करें।
पत्रकार के रूप में, उनकी कई जिम्मेदारियां हैं जो दूसरों से अलग हैं। उन्हें तलाशी की ²ष्टि से सामाजिक युग के विशिष्ट उदाहरणों की खोज करनी चाहिए, प्रशंसा की ²ष्टि से, युग के नायकों की रिपोर्ट करनी चाहिए, और बारीकी की ²ष्टि से समाज के अंधकार को मिटाना चाहिए, यह पत्रकारों की अद्वितीय जिम्मेदारी है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
–आईएएनएस
एएनएम