इस वजह से लाखों में बिकती हैं यह घड़िया, जानकर आपके भी हो उड़ जाएंगे
लाइव हिंदी खबर :- रोलेक्स की घड़िया दुनिया भर में मशहूर हैं। सबसे मंहगी घड़ियों में से एक मानी जाने वाली इसे हर कोई अपनी कलाई में पहनना चाहता है। रोलेक्स घड़िया अपनी कीमतों के लिए जानी जाती हैं। सेलेब्रिटीज की खास पसंद होती हैं यह घड़िया। लोग इसे स्टेटस सिंबल के तौर पर भी देखते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों इतनी महंगी होती है रोलेक्स की घड़िया?
भले ही आपको यह लगे कि कोई भी घडी टाइम तो एक ही दिखाती है तो फिर इस घड़ी के पीछे लोगों का क्रेज बेवजह है, लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे जानने के बाद आपको भी रोलेक्स की कद्र होगी।
सबसे पहले बता दें कि रोलेक्स की घड़िया अपनी कारीगरी के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं। इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि यह कोई साधारण घड़ी नहीं है। इनके प्रोडक्शन के लिए कंपनी की ओर से सेपरेट एक रिचर्स एंड डेवलपमेंट लैब बनाई गई है।
इस लैब में अत्याधुनिक उपकरणें हैं और यहां काम करने वाला हर कारीगर को इस विषय में महारत हासिल है। यहां हर एक घड़ी पर बहुत ही बारीकी से काम होता है। जैसा कि आप जानते हैं कि रोलेक्स मैकेनिकल घड़ियां बनाती है जिनमें मशीनरी का भरपूर इस्तेमाल होता है। इन्हें बनाना कोई आसान काम नहीं हैं। बहुत सुक्ष्मता से इन पर काम करना पड़ता जिससे इनकी कीमत अपने आप ही बढ जाती है।
इसके अलावा रोलेक्स में जिस तरह के मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया जाता है वे काफी महंगी होती है। जैसे कि इनमें 940 एल स्टील का इस्तेमाल होता है, जबकि बाजार में मिलने वाली अन्य घड़ियों में 316 एल स्टील का इस्तेमाल किया जाता है।
इसके डायल में व्हाइट गोल्ड का इस्तेमाल होता है। घड़ी में नंबर्स स्पेशल कांच के प्लेटिनम से तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा इसमें बेजेल सेरेमिक यानी चीनी मिट्टी का भी प्रयोग किया जाता है। इन घड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग स्विटजरलैंड से होती है। कंपनी द्वारा हर साल 8 से 10 लाख कलाई घड़ियों का निर्माण किया जाता है। सबसे पहले साल 1953 में रोलेक्स बनाई गई थी।