जाने किस तरह डायबिटीज में साइक्लिंग बनेगी आपकी ताकत, अभी पढ़े
लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- निक्सन की पत्नी टीचर हैं और स्कूटी से स्कूल आती-जाती थीं। निक्सन ने उन्हें साइकिल चलाने की सलाह दी, शुरू में तो वे काफी हिचकिचाईं कि लोग क्या कहेंगे? लेकिन अब वे अपने तीनों बच्चों के साथ साइकिल से स्कूल जाती हैं। उनकी पत्नी से प्रेरित होकर अब आस-पास के कई लोग अपने बच्चों को स्कूल छोडऩे साइकिल से ही आते हैं।
डॉक्टर ने उन्हें दवाओं की हाई डोज लेने या इंसुलिन इंजेक्शन की सलाह दी। पहले तो निक्सन परेशान हुए लेकिन फिर उन्होंने डायबिटीज की जानकारी जुटानी शुरू की। धीरे-धीरे उन्हें समझ आया कि इस रोग में जरूरी है कि आप जो भी खाएं उसे पूरी तरह से पचा लें। साथ ही आपको अपने पसंदीदा व्यायाम से खुद को फिट रखना होगा।
रोजाना दो घंटे का अभ्यास
निक्सन इस परेशानी से मुकाबला करने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने व्यायाम के लिए साइक्लिंग को चुना। पुरानी साइकिल खरीदी व रोजाना दो घंटे का अभ्यास करने लगे। दो हफ्ते में ही उनका शुगर लेवल सामान्य हो गया। उन्हें कमरदर्द की समस्या भी थी लेकिन साइक्लिंग में सही पोश्चर व एंगल की बदौलत उन्हें इससे भी निजात मिल गई। अब निक्सन रोजाना लगभग 50 किमी साइकिल चलाते हैं।
ध्यान रखें शुगर के मरीज
डायबिटीज के मरीज साइक्लिंग शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
साइक्लिंग पर जाने से पहले थोड़ा पानी पीकर जाएं और यदि दवाएं ले रहे हैं तो कुछ खाने के बाद मेडिसिन लेकर ही जाएं। अपने साथ टॉफी या चीनी आदि रखें। इसके अलावा पानी की बोतल, छोटा तौलिया और डॉक्टरी पर्चा अपने साथ जरूर रखना चाहिए।
शुगर के साथ यदि हार्ट की समस्या है तो डॉक्टर द्वारा निर्देशित दवाएं अपने साथ जरूर रखें। इसी तरह ब्लड प्रेशर के मरीज भी अपनी दवाओं को साथ लेकर चलें।
शुुरुआती दो से तीन दिन तक 5-10 मिनट ही साइक्लिंग करें। इस दौरान साइकिल की गति कम रखें वर्ना मांसपेशियों में खिंचाव आने से दर्द की समस्या हो सकती है। कुछ हफ्ते बीतने के बाद क्षमतानुसार आधे घंटे तक साइक्लिंग कर सकते हैं।
साइक्लिंग करते हुए हफ्ते-दस दिन में शुगर का लेवल चेक कराते रहें। यदि स्तर सामान्य है तो साइक्लिंग जारी रखते हुए डॉक्टर को इसके बारे में बताएं ।
विशेषज्ञों की सलाह
डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन रेसिस्टेंस (शरीर में जितना भी इंसुलिन मौजूद होता है वह ठीक से काम नहीं करता) बढ़ जाता है। इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए साइक्लिंग करना बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि यह इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम कर ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मददगार है। इससे पैरों में रक्त का प्रवाह दुरुस्त होता है। साथ ही हृदय रोगों की आशंका भी कम हो जाती है।
इस रोग के दौरान खानपान से जितनी भी कैलोरी हमारे शरीर में जाती है उसमें से कुछ नियमित दिनचर्या की गतिविधियों से खर्च हो जाती है। इसके अतिरिक्त कैलोरी को एक्सरसाइज के जरिए खर्च करना जरूरी है। जिसके लिए यदि साइक्लिंग की जाए तो मांसपेशियों के साथ कलाई, कोहनी और घुटनों के जोड़ों का वर्कआउट होने से वे मजबूत होते हैं व शुगर भी नियंत्रित होती है। मरीज को उम्र व शारीरिक क्षमतानुसार ही किसी भी तरह की फिजिकल एक्टीविटी करनी चाहिए। ऐसे में साइक्लिंग बेहतर वर्कआउट साबित हो सकता है।
निक्सन ने सुपर रेनडोनर्स का खिताब भी हासिल किया है। यह एक साइकिल रेस प्रतियोगिता होती है जिसमें प्रतिभागी को २०० किमी का सफर १३.५ घंटे, ३०० किमी २० घंटे, ४०० किमी २७ घंटे और ६०० किमी ४० घंटे में पूरा करना होता है। यह प्रतियोगिता सालभर में पूरी होती है।