|

संसदीय समिति का सुझाव : एनएच पर परिवर्तनीय गति सीमा की व्यवहार्यता का विश्लेषण हो

Advertisements


नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। एक संसदीय समिति ने देश में राष्ट्रीय राजमार्गो पर अलग-अलग गति सीमा की व्यवहार्यता का विश्लेषण करने की सिफारिश की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

इसकी सिफारिश करते समय परिवहन पर स्थायी समिति ने यूएस फेडरल हाईवे एडमिनिस्ट्रेशन (एफएचडब्ल्यूए) के अवलोकन का हवाला दिया कि चर गति सीमा फ्रीवे पर 34 प्रतिशत दुर्घटनाओं को कम करती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, समिति एफएचडब्ल्यूए के अवलोकन को नोट करती है कि परिवर्तनीय गति सीमा फ्रीवे पर दुर्घटनाओं के 34 प्रतिशत तक कम हो जाती है। समिति सिफारिश करती है कि मंत्रालय/एनएचएआई पायलट आधार पर भारत में एनएच पर परिवर्तनीय गति सीमा की व्यवहार्यता का विश्लेषण कर सकता है, क्योंकि गति सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान की मांग (2023-24) सीमा को लगातार बदलते कारकों, जैसे वाहनों की भीड़ और दृश्यता में भी कारक होना चाहिए।

समिति ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में मौतों के लिए ओवरस्पीडिंग जिम्मेदार है।

कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय स्पीड लिमिट साइनेज के आकार और विशिष्टताओं पर गौर कर सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, कभी-कभी यह देखा जाता है कि गति सीमा के संकेतों को याद करना आसान होता है या आंशिक रूप से संकेतक या होर्डिग द्वारा कवर किया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चालकों को अनुमत गति का ट्रैक रखने के लिए गति सीमा संकेतों को सक्रिय रूप से देखने की जरूरत नहीं है। सीमा। मंत्रालय गति सीमा के लिए ओवरहेड साइनेज के संभावित लाभों का विश्लेषण कर सकता है, क्योंकि यह सभी लेन में एनएच उपयोगकर्ताओं को बेहतर दृश्यता प्रदान करेगा।

समिति ने यह भी सिफारिश की कि मंत्रालय चालू दशक में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी की मात्रा निर्धारित करने का भी लक्ष्य रख सकता है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, मंत्रालय मापने योग्य लक्ष्यों के साथ एक विस्तृत साल-दर-साल योजना के साथ आ सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि योजना को ईमानदारी से लागू किया गया है। मंत्रालय राज्य सरकार के संबंधित विभागों से अनुरोध कर सकता है कि वे सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के मामले में समन्वय और सहायता करें। राज्य सरकारों से राष्ट्रीय राजमार्गो के अलावा अन्य सड़कों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान करने और उन्हें ठीक करने का अनुरोध किया जा सकता है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *