जाने क्या लो फैट दूध पीने से कम नहीं होता मोटापा, अभी पढ़े
लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- अब तक ये माना जाता था कि फूल फैट दूध पीने से मोटापा बढ़ता है। लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में पता लगा है कि फूल फैट दूध पीने वालों की अपेक्षा लो फैट दूध पीने वालों में मोटापा आने की संभावना अधिक होती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि फूल फैट दूध से युवाओं को पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे उन्हें ज्यादा भूख नहीं लगती और वे अनहेल्दी स्नेक्स और पेय पदार्थों के सेवन से बचे रहते हैं। 14 वैज्ञानिक अध्ययनों की समीक्षा में पाया गया कि फूल फैट दूध पीने वाले, एक से 18 साल के बच्चों में वजन बढ़ने की संभावना, सेमी-स्किम्ड या स्किम्ड दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत कम थी।
टोरंटो में सेंट माइकल अस्पताल में समीक्षा लेखक और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जोनाथन मैगुइरे ने कहा कि अध्ययन में सामने आया है कम वसा का दूध पीने वाले बच्चे, फूल फैट दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में दुबले नहीं होते हैं। क्योंकि कम वसा का दूध पीने से उन्हें जल्द भूख लगती है और वे पिज्जा, बर्गर व कोक जैसे अन्य हानिकारक पदार्थो का सेवन करने लगते हैं। जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है।
मैगुइरे ने कहा कि अध्ययनों से पता चलता है कि गाय का दूध पीने वाले बच्चे लम्बे होते हैं, उनकी हड्डियाँ और दाँत मजबूत होते हैं। एक वर्ष की आयु से उपर के बच्चों को फूल फैट दूध दिया जा सकता है। लेकिन लोगों को चिंता रहती है कि उससे बच्चे मोटे हो सकते हैं, क्योंकि उसमें कम से कम 3.5 प्रतिशत वसा होती है। इसीलिए डेयरियों ने दूध में से कुछ क्रीम को स्किम्ड मिल्क के रूप में निकाला है, जिसमें वसा की मात्रा केवल 0.3 प्रतिशत से 1.8 प्रतिशत तक ही होती है।
कनाडा के शोधकर्ताओं ने 21,000 बच्चों सहित अध्ययनों का विश्लेषण किया, जिसमें Whole Milk पीने वाले और 0.1 से 2% तक वसा का दूध पीने वाले बच्चों की तुलना की गई। 28 अध्ययनों में से किसी में भी ये नहीं पाया गया कि कम वसा का दूध पीने वाले बच्चों में मोटापे की संभावना कम होती है। लेकिन 28 में से 18 अध्ययनों से इस बात का जरूर पता चला है कि semi-skimmed or skimmed milk का सेवन करने वाले बच्चों में अधिक वजन या मोटापे की संभावना अधिक होती है।
जब 14 अध्ययनों का अलग-अलग विश्लेषण किया गया, पाया गया कि फूल फैट दूध पीने वाले बच्चों में स्किम्ड या सेमी-स्किम्ड दूध का सेवन करने वाले बच्चों की तुलना में अधिक वजन या मोटापे ( Weight Gain and Obesity ) की संभावना 39 प्रतिशत तक कम थी। दो से 11 वर्ष की आयु के बच्चों पर किए गए सात अध्ययनों में पाया गया की जब उनके दूध में फैट की मात्रा बढ़ाई गई तो उनके मोटे होने की संभावना में एक चौथाई की कमी आई।
विशेषज्ञों का कहना है कि फूल फैट दूध में ट्रांस-पामिटोलिक एसिड होता है, जो डेयरी उत्पादों में पाया जाने वाला एक फैटी एसिड होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।