समयपूर्व प्रसव के जाेखिम काे कम करने के लिए करे ओमेगा-3 का सेवन
लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- समय से पहले जन्म लेना कर्इ बच्चाें की मृत्यु का प्रमुख कारण। दुनियाभर में हर साल प्रीमैच्योर बर्थ ( Premature Birth ) के कारण 5 वर्ष से कम उम्र के करीब 10 लाख बच्चों की माैत हाे जाती है। गर्भावस्था की अवधि 38 से 42 हफ्ते की होती है। समय से जितना पहले एक बच्चे का जन्म हो जाता है, उससे उसकी मौत या खराब स्वास्थ्य का जोखिम उतना ही बढ़ जाता है। समय पूर्व प्रसव से पैदा हुए बच्चों में दृष्टि दोष, विकास में देरी व सीखने की दिक्कत व दूसरे कई जोखिमों का अधिक खतरा होता है। लेकिन खुशी की बात ये है की ओमेगा-3 फैटी एसिड की खुराक समयपूर्व प्रसव के जाेखिम काे कम कर सकती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड से घटता है खतरा
हाल ही में हुए एक शाेध में इस बात का खुलासा हुआ है कि गर्भावस्था के दौरान ओमेगा-3 फैटी एसिड ( Omega 3 fatty acids ) का ज्यादा मात्रा में सेवन समयपूर्व प्रसव के जोखिम को घटाता है।
शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि रोजाना के आहार में लंबी शृंखला वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने से समयपूर्व प्रसव (37 हफ्ते से कम का बच्चा) का जोखिम 11 फीसदी कम होता है।
साउथ आस्ट्रेलियन हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसएएचएमआरआई) की एसोसिएट प्रोफेसर फिलिप्पा मिड्डलेटन ने कहा, ”समयपूर्व प्रसव को रोकने के लिए बहुत से विकल्प नहीं हैं, ऐसे में गर्भवती महिलाओं व स्वास्थ्य पेशेवरों, जो उनकी देखभाल करते हैं, के लिए यह नए निष्कर्ष काफी महत्वपूर्ण है।
शोधकर्ताओं ने समय से पहले जन्म के जोखिम को कम करने के लिए लंबी श्रृंखला में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भूमिका की जांच करने के लिए 70 रैंडम ट्रायल काे देखा। इन परीक्षणाें में लाे, मिक्सड, हार्इ रिस्क प्रेगनेंसी वाली 19927 महिलाओं को शामिल काे शामिल किया गया था। अध्ययन का केंद्र फैटी फिस व फैटी फिस आॅॅॅयल की खुराक में पाए जाने वाले डोकोसाहेक्सैनेओइक एसिड (डीएचए) और इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) पर केंद्रित था। शाेधकर्ताआें के अनुसार ये दाेनाें घटक गर्भावस्था के दाैरान मां व शिशु दाेनाें के लिए बेहद फायदेमंद हैं।