जाने क्या केमिकल से पके पपीते से है फूड प्वॉइजनिंग संभव, अभी पढ़े

Advertisements

लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :-   पपीता नियमित रूप से खा रहे हैं और खाने के कुछ देर बाद ही पेट में दर्द और मरोड़ शुरु हो जाती है तो अलर्ट होने की जरूरत है। इसका एक कारण पपीते का केमिकल यानी कार्बाइड से पकाया जाना है। विशेषज्ञों के मुताबिक कार्बाइड से पका पपीता शरीर में फूड प्वॉइजनिंग के साथ कई अंगों पर भी बुरा असर डालता है।

क्या आप जानते है केमिकल से पके पपीते से हो सकती है आपको फूड प्वॉइजनिंग, जाने अभी - LIVE HINDI KHABARऐसे पकाया जा रहा…
कुदरती रूप से पके पपीते में कई जरूरी पोषक तत्त्व और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। लेकिन इन दिनों अधिकांशत: इस फल को केमिकल से पकाया जा रहा है। इसके लिए इसे कच्चा तोड़ लिया जाता है। फिर इसे पकाने के लिए कार्बाइड के संपर्क में रखा जाता है। इस कारण इसकी भीतरी और ऊपरी सतह का रंग आर्टिफिशियल होता है और यह पका हुआ नजर आता है।

13 तरह के कैमिकल
कार्बाइड कार्बन और इलेक्ट्रोनिगेटिव तत्त्वों का मिश्रण है जिसमें १३ प्रकार के रसायन होते हैं। जब इसे फल या सब्जी के साथ रखा जाता है तो इन रसायनों की गर्मी और ऊष्मा से ये पकते हैं। इस तरह जब कोई व्यक्ति कार्बाइड से पका हुआ पपीता खाता है तो मेटल्स और टॉक्सिन्स शरीर के भीतर जाते हैं जिस वजह से उल्टी के साथ कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं।

ये हैं लक्षण
पपीता खाने के दस-पंद्रह मिनट बाद पेट में दर्द या मरोड़ के साथ लगातार उल्टी होना (हरे रंग की), चक्कर के साथ कमजोरी इसके गंभीर लक्षण हंै। कई बार उल्टी, दस्त से ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है। ऐसे में तत्काल डॉक्टरी सलाह लें।

पपीते में इतने गुण
पपीते मेंं विटामिन-बी, सी, के और कैरोटिन, फ्लेवेनॉयड, फॉलेट, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर आदि होते हैं।
यह आंखों की रोशनी और त्वचा की चमक बढ़ाता है। इसमें मौजूद बीटा कैरोटिन अस्थमा में राहत पहुंचाने के साथ कैंसर से भी बचाता है। पेट के लिए भी अच्छा माना जाता है।

papaya Treat many diseases - पपीता में कई रोगों का इलाज, अपनी डाइट में करें शामिलएलोपैथी में इलाज
पपीता या किसी तरह की फूड प्वॉइजनिंग के मामले में राइस ट्यूब डालकर पेट को साफ करते हैं। इसके बाद अगले २४ घंटे तक आईवी फ्लूड थैरेपी देकर रोगी के भीतर पानी व नमक की कमी को संतुलित किया जाता है। इस दौरान रोगी को मुंह से खाने को कुछ भी नहीं दिया जाता है।

आयुर्वेद में उपचार
ऐसी स्थिति में तबियत खराब होने पर रोगी को शीतल एवं स्तंभक चिकित्सा देते हैं। इसमें पित्त दोष खत्म करने के लिए अमृतधारा, पत्तिका चूर्ण, सूत शेखर रस, मयूर पिक्क्ष के साथ विलंब चूर्ण, कुटल घनवटी जैसी दवाएं रोगी की अवस्था के आधार पर दी जाती हैं।

शरीर पर दुष्प्रभाव

कमजोर होती हड्डी
लंबे समय से कार्बाइड से पका हुआ पपीता या दूसरा फल खाने वाले लोगों में हड्डियों के मजबूत होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। ये कमजोर होने लगती हैं और फै्रक्चर की आशंका बढ़ जाती है। कार्बाइड में मौजूद हैवी मेटल्स बोन मैरो को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।

नर्वस सिस्टम
ऐसे फल मस्तिष्क के सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर बुरा प्रभाव छोड़ते हैं जिससे चिड़चिड़ापन, थकावट, गुस्सा और घबराहट के साथ बेचैनी होती है। गंभीर स्थिति में व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।

जीआई ट्रैक्ट
कार्बाइड से पका पपीता गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट पर बुरा असर डालता है जिससे फूड प्वॉइजनिंग हो सकती है। गंभीर स्थिति में पेट दर्द, उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन से शरीर का पानी निकल जाता है।

ऐसे पहचानें व बचाव करें
पपीते का रंग हरा, लाल, पीला और नारंगी दिख रहा है तो ये आर्टिफिशियल कलर की निशानी है। इसका मतलब है कार्बाइड पपीते के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग मात्रा में पहुंचा है। ऐसे में पपीते को छीलने से पहले अच्छी तरह साफ कर लें। छीलने के बाद पपीते को गुनगुने पानी से धो लें जिससे भीतर की परत तक पहुंची कार्बाइड की मात्रा साफ हो सके।

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *