जाने फटे दूध के पानी से भी क्या संभव यूनानी इलाज, अभी पढ़े

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लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :-  यूनानी चिकित्सा में कई दवाओं को रोगों के निदान के लिए दूध के साथ या इसमें मिलाकर व उबालकर देते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

Unani Treatment From Water Of Milk - फटे दूध के पानी से यूनानी इलाज | Patrika Newsमाउल्जुब्न के लाभ

दूध फाडक़र निकाला गया पानी माउल्जुब्न कहलाता है। यह सुपाच्य होता है जो शरीर मंे तुरंत अवशोषित हो जाता है। पीलिया रोग व पेट को साफ रखने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। लिवर व पेट संबंधी समस्याओं में भोजन को नियंत्रित कर डाइटोथैरेपी दी जाती है। एेसे में विशेषज्ञ हल्के भोजन के तौर पर इसे पीने की सलाह देते हैं ताकि शरीर में एनर्जी बनी रहे।

कमजोर याददाश्त

विभिन्न औषधियों के शीरे (पानी में औषधि को पीसकर उसका रस निकालना) को दूध में मिलाकर इसका हरीरा तैयार किया जाता है, इसे नियमित रूप से लेने से याददाश्त बढ़ती है।

गले में सूजन

अमलतास की फलियों का गूदा निकालकर दूध में उबालें। गुनगुना होने के बाद इससे गरारे करने से गले के दर्द में आराम मिलता है। कफ की परेशानी होने पर दूध में इलायची उबालकर भी पी सकते हैं।

You Can Make These Tasty And Things With Soured Milk - फेंकने के बजाय इस तरह इस्तेमाल करें फटा दूध - Amar Ujala Hindi News Liveत्वचा के लिए

दूध रक्तसंचार को दुरुस्त रखता है जिससे त्वचा की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं। उबटन (गाजा) को चेहरे पर लगाने से त्वचा चमकदार होती है। इस उबटन को बनाने के लिए कई तरह के अनाज को पीसा जाता है और उसमें दूध, हल्दी व चंदन को मिलाया जाता है। इसके बाद इसे प्रयोग में लेते हैं।

पीलिया व पेट साफ करने में लाभकारी माना जाता है माउल्जुब्न।

पनीरमाया

बच्चे के जन्म के बाद गाय, भेड़ या ऊंटनी के दूध से तैयार पनीर को पनीरमाया कहते हैं। इसमें इम्युनोग्लोबिन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हृदय व दिमाग को मजबूत बनाता है। विशेषज्ञ इसे मरीज की अवस्था व उम्र के अनुसार लेने की सलाह देते हैं। दूध को विभिन्न तरह और विभिन्न चीजों के साथ सेवन से अलग-अलग असर होता है।

 

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