जाने किस प्रकार आपके शरीर के लिए मैजिक साबित होगा मैगनीशियम, अभी पढ़े

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लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :-  हर साल साढ़े आठ लाख लोग अनियमित धडक़न की शिकायत की वजह से अस्पताल जाते हैं। ऐसे में मैगनीशियम खनिज तत्व का रिलैक्सिंग इफेक्ट अनियमित धडक़न की समस्या से निजात दिलाने में मददगार होता है।

वजन कम करने के लिए मैग्नीशियम की तरफ रुख करे रहे हैं वेलनेस फ्रैंचाइज़रहमारे शरीर को कई खनिज तत्वों (मिनरल्स) की जरूरत होती है। इनकी कमी होने से शरीर कई बीमारियों और अक्षमताओं से ग्रसित हो जाता है। जैसे आयरन की कमी से एनीमिया और कैल्शियम की कमी सेऑस्टियोपोरोसिस होता है। ऐसा ही खनिज तत्व है मैगनीशियम, जिसका एक भाग मानव शरीर की प्रत्येक कोशिका में होता है।

हालांकि यह अतिसूक्ष्म होता है और एक स्वस्थ मानव शरीर में मैगनीशियम की मात्रा 50 ग्राम से कम ही होती है। शरीर में कैल्शियम और विटामिन-सी के संचालन के साथ स्नायुओं और मांसपेशियों की बेहतरीन कार्यक्षमता के लिए मैगनीशियम का योगदान जरूरी है। साथ ही शरीर के कई एन्जाइमों को सक्रिय बनाने के लिए भी मैगनीशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कैल्शियम और मैगनीशियम के संतुलन में गड़बड़ी आने से नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है। मैगनीशियम की कमी होने से हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह की आशंका बढ़ जाती है। यूरोलॉजी जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार मैगनीशियम व विटामिन-बी6 किडनी और पित्ताशय की पथरी के खतरे को कम करने में प्रभावी हैं। ज्यादा व्यायाम करने से भी शरीर में मैगनीशियम की कमी हो जाती है। ऐसे में इसकी पूर्ति पर ध्यान देना जरूरी है।

इनसे मिलेगा मैगनीशियम

हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, अखरोट, मूंगफली, बादाम, काजू, सोयाबीन, केले, खुबानी, कद्दू, दही, दूध, चॉकलेट और तुलसी में यह खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा यह फूड सप्लीमेंट के तौर पर भी बाजार में उपलब्ध है और डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह पर इसे प्रयोग में लाया जा सकता है।

शरीर के लिए अमृत है

खराब जीवनशैली से भारत में डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे के मुताबिक 2025 तक भारत में दुनिया के सबसे अधिक मधुमेह रोगी होंगे, जिनकी संख्या साढ़े पांच करोड़ से अधिक होगी। ऐसे में मैगनीशियम डायबिटीज के खतरे को कम करने की क्षमता रखता है। हमारे शरीर के एन्जाइम मैगनीशियम के साथ मिलकर ग्लूकोज बनाते हैं जिससे डायबिटीज का खतरा घटता है।

इसके अलावा शोध के दौरान पाया गया कि शरीर में मैगनीशियम की संतुलित मात्रा होने से इंसुलिन बनने की प्रक्रिया भी बेहतर रहती है।

दिल के लिए वरदान

दुनिया में हृदय रोगों की वजह से असामयिक मौतें हो रही हैं। इस समस्या के पैर पसारने की बड़ी वजह शरीर में मैगनीशियम की कमी भी है। मैगनीशियम शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है।

यह ब्लड क्लॉट्स यानी थक्के बनने से भी रोकता है और तनाव वाले क्षणों में मांसपेशियों का लचीलापन बनाए रखता है। सबसे महत्वपूर्ण काम के तौर पर यह धमनियों में होने वाले ब्लॉकेज की दर को धीमा करता है। विशेषज्ञ दिल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों पर ध्यान देने को कहते हैं, जिनमें मैगनीशियम की अच्छी मात्रा मौजूद होती है।

संतुलित रक्तचाप

जब रक्त शिराएं मैगनीशियम की कमी की वजह से संकुचित हो जाती हैं तो दिल को उनमें रक्त संचारित करने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप बढ़ जाता है। मैगनीशियम के प्रयोग के दौरान यह पाया गया कि यह रक्त शिराओं को ज्यादा लचीला बनाकर ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक है। जापान में हाल ही किए गए एक अध्ययन के दौरान पता चला है कि मैगनीशियम को आहार का हिस्सा बनाने वाले लोगों में उच्च रक्त चाप की समस्या कम पाई गई।

ध्यान रखें

अगर आप रोजाना पेस्ट्री, केक , बर्गर, कैंडी और अन्य मीठे पदार्थ खाते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि इनमें मैगनीशियम की मात्रा शून्य होती है और ये खाद्य पदार्थ किडनी को इस तत्व को शरीर से बाहर निकालने के लिए प्रेरित करते हैं। इस तरह ये जंकफूड शरीर में मैगनीशियम की कमी कर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाते हैं।

Magnesium : benefits and functions in the organism | Cocooncenter®सिरदर्द में फायदेमंद

81 रोगियों पर किए गए एक अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई है कि मैगनीशियम की संतुलित मात्रा देने के बाद आने वाले माइग्रेन अटैक की संख्या में भारी कमी आई। मैगनीशियम के इस गुण ने माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभानी शुरू कर दी है।

इतनी मात्रा जरूरी

एक सामान्य व्यक्ति को प्रतिदिन फल, सब्जियों व सूखे मेवों के माध्यम से 400 मिलिग्राम मैगनीशियम की जरूरत होती है। वहीं गर्भवती महिला को 450 मिलिग्राम, बच्चों को 200 और खिलाडिय़ों को 600 मिलिग्राम मैगनीशियम की मात्रा रोजाना लेनी चाहिए।

हड्डियों को ताकत

अभी तक यही समझा जाता रहा है कि ऑस्टियोपोरोसिस कैल्शियम की कमी से होता है और कैल्शियम की आपूर्ति से इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। लेकिन इस बीमारी से लडऩे के लिए मैगनीशियम भी उतना ही जरूरी है जितना कि कैल्शियम। दरअसल मैगनीशियम उन हार्मोन को नियंत्रित करता है जो शरीर में मिनरल मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाकर हड्डियों को मजबूत करने वाली कोशिकाओं का निर्माण करते हैं।

 

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