जाने क्या बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से बढ़ती हैं बीमारियां, अभी पढ़े

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लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- एंटीबायोटिक दवाएं जो संक्रमण व कई रोगों में इलाज के लिए दी जाती हैं, तकलीफ में राहत तो पहुंचाती हैं लेकिन बार-बार बिना डॉक्टरी सलाह से इन्हें लेना नुकसानदेह है। कई बार एक रोग से बचाने वाली एंटीबायोटिक शरीर को फायदा पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को मारकर दूसरी बीमारी की वजह बनती है। इसलिए जानें कि ये दवाएं कब और कितनी व कैसे ली जाए।

एंटीबायोटिक दवाइयां लेने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां - antibiotic medicines can badly affects health tpral - AajTak

दुष्प्रभाव –
उल्टी-चक्कर आने जैसा अहसास, इमरजेंसी की स्थिति बनना, एलर्जिक रिएक्शन या गंभीर एलर्जी, पेटदर्द, डायरिया, दिल की धड़कनें बढ़ना, सांस लेने में तकलीफ, महिलाओं में यौन संक्रमण।

मर्जी से दवा लेना खतरनाक –
ये दवाएं सिर्फ बैक्टीरिया जनित रोगों का इलाज करती हैं। छोटी-छोटी दिक्कतों में एंटीबायोटिक लेना बैक्टीरिया को पूरी तरह से नष्ट नहीं करता। दवाओं का असर न होने से ये अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं जिन्हें एंटीबायोटिक रेसिस्टेंट बैक्टीरिया कहते हैं। आगे चलकर रोग को गंभीर कर देते हैं।

बढ़ती है तकलीफ-
आम दवा के अलावा सस्ती व आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोग बिना डॉक्टरी सलाह, प्रिस्क्रिप्शन के एंटीबायोटिक खरीदकर खा लेते हैं। जिससे शरीर में बैक्टीरिया रेसिस्टेंसी बढऩे से तकलीफ बढ़ती है।

कोरोना काल में एंटीबायोटिक्स कहीं बिगाड़ न दे 'लव लाइफ', एक बार पढ़ लें WHO की ये चेतावनी | Overuse of antibiotics in covid 19 crisis can spike in drug resistant super gonorrhea | TV9 Bharatvarsh

अच्छे बैक्टीरिया होते खत्म –
बिना डॉक्टरी सलाह से एंटीबायोटिक लेने पर परेशानी बढ़ाने वाले बैक्टीरिया के अलावा कई बार शरीर को फायदा पहुंचाने वाले बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। जिससे पाचनक्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में खासतौर पर गर्भवती महिलाएं और बढ़ती उम्र के बच्चों को दवा देते समय सावधानी जरूरी है।

ऐसे में क्या करें-
जब डॉक्टर कहे तभी इन्हें लें।
रोज नियमित समय पर इनका पूरा कोर्स लें।
किसी एक रोगी की निर्देशित दवा को खुद न लें फिर चाहे लक्षण समान हों। शिशु को टीके लगवाएं।

न करें नजरअंदाज –
ये दवाएं 24-48 घंटे में असर दिखाती हैं। ऐसे में आराम नहीं मिलने या निम्न लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
दवा लेने के बाद तीन दिन से अधिक बुखार रहना।
ज्यादा कंपकंपी महसूस होना, बुखार का बढ़ना-घटना, ब्लड प्रेशर कम होना आदि बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण हैं।
डायरिया या पेचिस होना।
गर्दन, पैर के ऊपरी हिस्से या बगल में सूजन भरी गांठ होना।
त्वचा पर चकत्ते या इन्हें छूने पर दर्द।
एंटीबायोटिक्स से एलर्जी है तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
पहले से यदि कोई दवा ले रहे हैं तो इसकी जानकारी विशेषज्ञ को जरूर दें।

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