जाने क्या इंसुलिन की कमी है आपके डायबिटीज का कारण, अभी पढ़े
लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- भारत को दुनिया की ‘डायबिटीज कैपिटल’ कहा जाने लगा है। इंटरनेशनल डायबिटीज फैडरेशन का कहना है कि अगर इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो 2030 तक इसमें 50 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
भारत में डायबिटीज को लेकर हुए साल 2011 के सर्वे के अनुसार देश में 6.24 करोड़ लोग मधुमेह (डायबिटीज) रोगी हैं। इन मधुमेह रोगियों के लिए अब एक ही उपाय है कि अपना ग्लूकोज लेवल नियंत्रित
रखें और डायबिटीज से होने वाले अन्य रोगों से खुद को बचाएं। इस सर्वे का दूसरा निष्कर्ष है कि 7.70 करोड़ भारतीय प्री-डायबिटिक हैं। अनुमान के अनुसार 2021 तक भारत में 10 करोड़ डायबिटीज के
मरीज होंगे। भारत सरकार द्वारा असंक्रामक रोगों की पड़ताल के लिए किए गए कार्यक्रम के नतीजे इसकी पुष्टि करते हैं। 21 राज्यों के सौ जिलों में की गई जांच से पता चला है कि यहां करीब 7.30 प्रतिशत लोगों
के ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा है। उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले दक्षिण में डायबिटीज मरीजों की संख्या ज्यादा है।
डायबिटीज का कारण
यह बीमारी शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी के कारण होती है। हमारे शरीर को सबसे अधिक ऊर्जा शुगर या स्टार्च से मिलती है लेकिन शुगर या स्टार्च को ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले इंसुलिन की शरीर
में कमी हो जाने से शुगर या स्टार्च खून में जमा होने लगता है और यह डायबिटीज का कारण बन जाता है। इसी को टाइप 2 डायबिटीज कहते हैं यानी डायबिटीज मीठा ज्यादा खाने से होने वाली बीमारी नहीं है।
अगर परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज हो तो इस रोग की आशंका बढ़ जाती है।
डायबिटीज जैसे लक्षण
कई बार डायबिटीज से मिलते-जुलते लक्षण जैसे ज्यादा प्यास लगना, थोड़ी- थोड़ी देर में पेशाब आना और कम काम करने या न करने पर भी थकान महसूस होने जैसे लक्षण पाएं जाते हैं। वैसे जो लोग नियमित रू
प से रात में छह घंटे से कम की नींद लेते हैं या उन्हें सोने में परेशानी होती है, वे भी प्री डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं। त्वचा पर गहरे और काले धब्बे बन सकते हैं।
आनुवांशिक कारण
यदि परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज है तो ऐसे हर दो व्यक्ति में से एक को दस साल में डायबिटीज होने की आशंका रहती है। यदि आपने ऐसे बच्चे को जन्म दिया है जिसका वजन ४ किलो से ज्यादा है
तो उसे प्री डायबिटीज हो सकती है। आपकी उम्र 45 से ज्यादा है व अधिकतर समय बैठकर गुजरता है तो टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है।
प्री-डायबिटीज के संकेत
खाली पेट ग्लूकोज का स्तर १०० से १२५ मि.ग्रा.
भोजन के 2 घंटे बाद ग्लूकोज का स्तर १४० से १९० मि.ग्रा.
कमर के आसपास जमा चर्बी पुरुष ९० से.मी./ महिला ८० से.मी.)
लगातार ज्यादा ब्लड प्रेशर या रक्त में कोलेस्ट्रॉल
जिनके परिवार में डायबिटीज है, उनमें से हर दूसरे व्यक्ति को १० साल में मधुमेह की आशंका
बचाव के उपाय
भोजन कम करें, सब्जी, जौ, चने, गेहंू, बाजरे की रोटी, हरी सब्जियां और दही पर्याप्त मात्रा में लें।
चना और गेहूं मिलाकर उसके आटे की रोटी खाना बेहतर है। इसके लिए दोनों का अनुपात 1:10 का रख सकते हैं।
अपना वजन कंट्रोल करें और नियमित व्यायाम करें।
45 मिनट हर रोज एक्सरसाइज करें। हल्का व्यायाम करें, रोजाना सुबह 4-5 किलोमीटर वॉक करें।
तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
छोटी-मोटी चिंता, तनाव, बेचैनी या अवसाद से मुक्तरहें। अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज में हिस्सा लें। साथ ही ध्यान , योगा और प्राणायाम की मदद लें।
तीन माह में एक बार ब्लड शुगर की जांच कराएं और साल में एक बार अपने डॉक्टर की सलाह से लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाएं।