गुरुवार शाम करीब 7 बजे अचानक टीवी चैनलों पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी PoK में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक की खबरें आईं। हालांकि, 10-15 मिनट में ही एयरस्ट्राइक की खबरें हटा ली गईं और बताया गया कि सेना ने PoK में पिनपॉइंट स्ट्राइक की है। इन खबरों के बाद सेना ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर आज कोई भी फायरिंग नहीं हुई है।
पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ की फिराक में, इसलिए हमले हो रहे
सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है। ठंड और बढ़ने से पहले पाकिस्तान की सेना ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराना चाहती है। इसी वजह से भारत ऐसे संदिग्ध ठिकानों पर हमले कर रहा है, जो आतंकियों के लॉन्च पैड हो सकते हैं।
भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल आफ मिलिट्री आप्रेशन के लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह का कहना है कि नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना की कार्रवाई की रिपोर्टें फर्जी हैं। दरअसल बीते हफ्तों में पाकिस्तान सेना की ओर से कई बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ है। एलओसी के इस पार भारतीय इलाकों पर नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा। दरअसल, इसके पीछे पाक की मंशा घुसपैठ कराने की रहती है। एक रिपोर्ट की माने तो 2019 में पाकिस्तानी फायरिंग में कुल 19 बेकसूर लोगों मौत हो गई थी। इस साल अब तक पाक फायरिंग में 21 लोगों की जान जा चुकी है।
PTI की खबर में भी यही जिक्र है कि सेना ने आतंकी लॉन्चपैड्स को चुनकर तबाह किया। मारे गए ज्यादातर आतंकवादी पाकिस्तान और विदेशी हैं। इस ऑपरेशन में भारत को न के बराबर नुकसान हुआ है। हालांकि, एजेंसी की इस खबर में स्ट्राइक के दिन और वक्त का जिक्र कहीं कोई जिक्र नहीं है।
29 सितंबर 2016 को पहली सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकियों ने आर्मी कैम्प पर हमला किया। इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे। इसके जवाब में 29 सितंबर की रात सेना ने POK में 3 किमी अंदर जाकर आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब भारत ने आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर कार्रवाई की थी। इस स्ट्राइक में 40 से 50 आतंकी मारे गए थे।