लाइव हिंदी ख़बर:-इस समय एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है, बिहार विधानसभ चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश ने बड़ा दलित कार्ड खेला है, सीएम ने बैठक में एक बड़ा निर्णय लेते हुए अधिकारियों को आदेश दिया है कि अगर किसी भी दलित परिवार में किसी की हत्या होती है तो उनके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अनुसूचित जाति- जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सर्तकता मीटिंग में मुख्यमंत्री ने यह बड़ा निर्देश दिया है, सीएम नीतीश ने कहा कि अनुसूचित जाति या जनजाति के पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक मदद की जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा अनुसूचित जाति या जनजाति परिवार के किसी भी सदस्य की हत्या होने पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के लिए तत्काल नियम बनाये जाये।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति या जनजाति के कल्याण के लिए हर जरूरी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के उत्थान के लिए तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं अन्य संभावनाओं या योजनाओं पर भी विचार किया जाये। इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, उनके लिए सब कुछ किया जायेगा अनुसूचित जाती के उत्थान से समाज का उत्थान होगा।
इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग जल्द से जल्द लंबित कांडों का निष्पादन करे 20 सितंबर तक इसका निष्पादन होना चाहिए। उन्होंने इन्वेस्टिगेशन कार्य में भी तेजी लाने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया। इसके साथ ही अनन्य विशेष न्यायालयों में अनन्य विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार का यह निर्णय बड़ा माना जा रहा है, इससे पहले सीएम नीतीश नियोजित शिक्षकों की नई नियमावली को पारित कर एक बड़ा कार्ड खेल चुके हैं, महादलितों को लुभाने के लिए यह बड़ा फैसला माना जा रहा है। इस मीटिंग में सीएम ने कहा कि अनुसूचित जाती या जनजाति के लिए जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसका लाभ जल्द दिलाने के लिए इसकी समीक्षा की जाये।