हर जगह अलग अलग तरह के स्वभाव के लोग मिलते है जिनके भिन्न-भिन्न रंग रूप, पहनावा, रहन सहन सभी अलग होते है। सभी के रंग ज्यादातर वातावरण के कारण ही प्रभावित होता है। ऐसे में हमारे भारत देश मे भी रंगों को लेकर काफी भेदभाव देखा जा सकता है। काले कहीं पर , गोरे कहीं पर व कही पर सांवले रंग के लोग दिखाई देते है। गोरे रंग के जो होते है, वो अपने जीवन मे बहुत जल्द ही सफल होते है। लेकिन वहीं काले व गोरे रंग के लोगो को लेकर ये मुश्किलें बढ़ जाती है। बड़े बुजुर्ग भी कह गए है कि किस्मत का लिखा कोई भी मिटा नहीं सकता। आज हम आपको एक ऐसी ही लकड़ी के बारे में बताने जा रहे है, जिसके काले रंग के चलते एक मासूम सी बच्ची को 11 पेरेंट्स ने गोद लेने को मना कर दिया।
आप को बता दे कि मासूम सी दिखने वाली बच्ची को बॉलीवुड की नयी सनसनी सनी लियोनी ने गोद लिया, जिसे सभी ने गोद लेने से मना किया था। सनी लियोनी के बारे में तो हर कोई जनता होगा और उनका भूत और वर्तमान से भी सभी बेहतर वाकिफ है मगर सनी ने इस बच्ची को गोग लेकर यह भी साबित कर दिया की हाँ वो बाकियों से अलग है और आपको यह भी बता दें की सनी के गोद लेते ही मानो उसके बाद इस काली सी बच्ची की किस्मत ही बदल दी गई हो। आपको बता दे कि इस बच्ची का नाम ‘निशा कौर वेबर’ है। वैसे तो इन दिनों सनी लियोनी, उनके पति और अपनें बच्चों के साथ खूब वीकेंड एन्जॉय कर रही है। निशा कौर वेबर अपने दो भाई और मम्मी पापा के साथ घूमती हुई दिख रही है।
लेकिन अचानक निशा अपनी माँ की गोद में जाने के लिए रोने लगी और तभी सनी लियोनी ने गोदी में उठाकर गले से लगाया। आपको बता दे कि सनी लियोनी ने जिस मासूम सी बच्ची को गोद लिया था, उससे पहले 11 पेरेंट्स ने उस बच्ची के काले रंग के चलते गोद लेने से मना कर दिया था। लेकिन जब इस मासूम बच्ची पर नजर सनी लियोनी की पड़ी तो उनके दिल में माँ की ममता जाग गई। देखा जाए तो ज्यादतर लोग किसी भी बच्चे या बच्ची को गोद लेने से पहले उसका रंग और उसका मेडिकल रिपोर्ट देखते है फिर उसके बाद ही उसे गोद लेते है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियोनी और उनके पति ने 30 सितंबर 2016 को सीएआरए के वेब पोर्टल से उन्होने बच्चे को गोद लिया। निश्चित रूप से सनी लियोन के इस कदम से ना सिर्फ छोटे बल्कि बड़े बड़े मशहूर हस्तियों को प्रेरणा लेनी चाहिए कि अगर आप कोई ऐसा नेक काम करने की सोचते हैं तो कभी भी बच्चे के रंग, रूप, उसकी जाती या फिर उसके पहनावे आदि पर नही जाना चाहिए और ना ही इसके साथ जात पात में अंतर करना चाहिए।